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इस पद्य को ध्यान से पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्त्तर दें:जिसने मरना सीख लिया है जीने का अधिकार उसी को ।जो काँटों के पथ पर आया, फूलों का उपहार उसी को ।हँस-हँसकर इक मस्ती लेकर, जिसने सीखा है बलि होना ।अपनी पीड़ा पर मुस्काना, औरो के कष्टों पर रोना ।जिसने सहना सीख लिया है, संकट है त्यौहार उसी का ।प्रश्न: संकट त्यौहार कब बन जाता है?

A. कष्टों से हँसते-हँसते लड़ने की कला सीख लेने पर संकट बन जाते हैं।
B. कष्टों को झेलते-झेलते सहने की कला सीख लेने पर संकट भी त्यौहार बन जाते हैं।
C. कष्टों को हँसते-हँसते सहने की कला सीख लेने पर संकट भी त्यौहार बन जाते हैं।
D. कष्टों को हँसते-हँसते सहने की कला सीख लेने पर त्यौहार भी संकट बन जाते हैं।
Answer» D. कष्टों को हँसते-हँसते सहने की कला सीख लेने पर त्यौहार भी संकट बन जाते हैं।


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