पादपों में शाकाहारिता (Herbivory) के विरूद्ध रक्षा करने की महत्वपूर्ण विधियाँ बताइये |
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पादपों के लिये शाकाहारी प्राणी परभक्षी है। लगभग 25 % कीट पादप भक्षी (Phytophagous) हैअर्थात् वे पादप रस एवं पौधों के अन्य भाग खाते हैं। पौधों के लिये यह समस्या विशेष रूप से गंभीर है, क्योंकि वे अपने परभक्षियों से दूर नहीं भाग सकते जैंसा कि अन्य प्राणी करते हैं। इसलिए पादपों ने अपने बचाव के लिये आश्चर्यजनक रूप से आकारिकी एवं रासायनिक रक्षा-विधियाँ विकसित कर ली है।
रक्षा के लिए सबसे सामान्य आकारिकी साधन काँटे ( एकेशिया, कैक्टस) हैं बेर की झाड़ी में भी काँटे होते हैं। अनेक पौधे इस प्रकार रसायन उत्पन्न करते हैं जो खाए जाने पर शाकाहारियों को बीमार कर देते हैं। खेतों में उगे हुए आँक (Calotropis) खरपतवार अधिक विषैला ग्लाइकोसाइड उत्पन्न करता है जिसके कारण कोई भी पशु इस पौधे को नहीं खाते हैं। पौधों में अनेक रसायन जैसे-निकोटिन, कैफीन, क्वीनीन, अफीम आदि प्राप्त होते हैं। वस्तुतः ये रसायन चरने वाले प्राणियों से बचने की रक्षा विधियाँ हैं।