गीत में ‘धरती को स्वर्ग’ बनाने की बात कही गयी है। हम इसमें क्या सहयोग दे सकते हैं?
(या)
पूरे विश्व को स्वर्ग का धाम कैसे बना सकते हैं?
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कविता का नाम : हम भारतवासी
कवि का नाम : आर.पी.निशं
हिंदी के विख्यात कवि हैं आर.पी. निशंक| इस कविता के ज़रिये कवि छात्रों में देश भक्ति, विश्वबंधुत्व, विश्वशांति, सत्य, अहिंसा, त्याग, समर्पण आदि महान सद्गुणों का विकास करना चाहते हैं।
“हम भारतवासी” कविता में धरती को स्वर्ग बनाने की बात पर प्रकाश डाला गया है। सच्चे भारतीय होने के कारण हम भी अपना पूरा सहयोग दे सकते हैं।
• हम मानवों में भरे जाति – धर्म, वर्ग – वर्ण, ऊँच – नीच, अमीर – गरीब जैसे भेदभावों को दूर कर सकते हैं।
• इससे एकता की भावना बढकर सब लोग प्रेम से रह सकते हैं।
• सत्य, अहिंसा, सेवा, त्याग, प्रेम आदि का महत्व समझाकर विश्व बंधुत्व की भावना जगा सकते हैं।
• स्वार्थ भाव से भरे लोगों को स्वार्थरहित, पक्षपात रहित और सहनशील बनाकर देश प्रेमी बना सकते हैं।
• दुःख में धीरज धर लेने का आत्मविश्वास उनमें भरकर निराशावाद दूर भगाकर आशावादी बना सकते हैं।
• जीवन पथ से भटके लोगों को मार्गदर्शन करके उन्हें सक्रिय मार्ग पर लगा सकते हैं।
• हर्ष – विषाद आपस में बाँटकर अपनापन बढा सकते हैं। – एक दूसरे के प्रति आदर का भाव रखते, प्रेमालू बना सकते हैं।
एक बात में कहे तो वसुदैक कुटुंबकम बना सकते हैं। ऐसा करके हम भी धरती को स्वर्ग बनाने में अपना पूरा सहयोग दे सकते हैं।
विशेषता : इस कविता में देश भक्ति और नैतिक मूल्य बताये गये हैं।