Ch 2spne ke se din questions 10and 11
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\tइस कथन के माध्यम से\xa0लेखक अतिथो देवो भव की भावना के कारण ब्रिटिश सरकार का भारत में सम्मान को तो प्रदर्शित करता है लेकिन उस\xa0बीमार,भ्रष्ट सरकार पर व्यंग्य कसता\xa0है,जो सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए कार्य करती है।वह\xa0एलिजाबेथ एवम् प्रिंस फ़िलिप के आने पर चालीस करोड़ भारतीयों में से किसी एक की ज़िन्दा नाक काटकर ज़ार्ज पंचम की लाट में लगा देने की अपमान जनक बात सोचती\xa0और करती है,पूर्ण रूप से गलत है\xa0यदि सच में दिल्ली के पास नाक होती तो इतना बखेड़ा खड़ा न करके सीधे ज़ार्ज पंचम के लाट को ही हटवा दिया जाता।\tअख़बार उस दिन चुप थे। ब्रिटिश सरकार को दिखाने के लिए किसी ज़िंदा इनसान की नाक जॉर्ज पंचम की लाट की नाक पर लगाना किसी को पसंद नहीं आया। यदि वे सच छाप देते तो पूरी दुनिया क्या कहती। दुनिया के लोग जब जानते कि आज़ादी के बाद भी दिल्ली में बैठे हुक़्मरान आज भी अंग्रेजों के आगे अपनी दुम हिलाते हैं।प्राय:अखबारों पर सरकारी दबाव भी रहता है।