1.

इस पद्य को ध्यान से पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें: सोभा:सिंधु न अंत रही री। नंद:भवन भरि पूरि उमँगि चलि, ब्रज की बीथिनि फिरति बही री।। देखी जाइ आजु गोकुल मैं,घरघर बेंचति फिरति दही री। कहँ लगि कहौं बनार्इ बहुत बिधि, कहत न मुख सहसहुँ निबही री।। जसुमति:उदर:अगाध:उदधि तैं, उपजी ऐसी सबनि कही री। सूरस्याम प्रभु इंद्र:नीलमनि, ब्रज:बनिता उर लार्इ गही री।। प्रश्न- इस पद्यांश में किसके जन्म का वर्णन है?

A. राधा जी का
B. कृष्ण जी का
C. बलराम जी का
D. लक्ष्मी जी का
Answer» C. बलराम जी का


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