MCQOPTIONS
Saved Bookmarks
| 1. |
इस पद्य को ध्यान से पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें: सोभा:सिंधु न अंत रही री। नंद:भवन भरि पूरि उमँगि चलि, ब्रज की बीथिनि फिरति बहीरी।। देखी जाइ आजु गोकुल मैं, घर घर बेंचति फिरति दही री। कहँ लगि कहौं बनार्इ बहुत बिधि, कहत न मुख सहसहुँ निबही री।। जसुमति:उदर अगाथ:उदधि तैं, उपजी ऐसी सबनि कही री। सूरस्याम प्रभु इंद्र-नीलमनि, ब्रज:बनिता उर लार्इ गही री।। प्रश्न- इस पद के रचनाकार का नाम क्या है? |
| A. | तुलसीदास जी |
| B. | सूरदास जी |
| C. | बल्लभाचार्य जी |
| D. | रामानंद जी |
| Answer» C. बल्लभाचार्य जी | |