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इस गद्य को ध्यान से पढ़े और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें: हम परोपकार कर्इ प्रकार से कर सकते हैं। हम धन के बल पर दूसरों का हित कर सकते हैं। भूखे को रोटी खिला सकते हैं। नंगे का तन ढकने के लिए वस्त्र दे सकते हैं। धर्मशालाएँ बनवा सकते हैं। गरीबों के उपचार के लिए औषधालय खुलवा सकते हैं यदि हम प्रभु की कृपा से धन से वंचित हैं, तो तन:मन से भी दूसरों की भलार्इ कर सकते हैं। अशिक्षितों को शिक्षा का दान दे सकते हैं। वास्तव में देखा जाए तो यही सच्चा दान है। इससे मानव अपने और परिवार के लिए कुछ सुख शान्ति प्राप्त कर सकता है। इससे प्राप्त धन से बच्चों का पेट पाल सकता हैं। इसके अतिरिक्त शारीरिक शक्ति द्वारा भी परोपकार किया जा सकता है। भूले-भटके को राह दिखला सकते हैं। प्यासे को पानी पिला सकते हैं। अबलाओं की रक्षा कर सकते हैं। प्रश्न धन के बल पर हम क्या कर सकते हैं?

A. हम धन के बल पर दूसरों का हित कर सकते हैं। भूखे को रोटी नहीं खिला सकते हैं, नंगे का तन ढंकने के लिए वस्त्र दे सकते हैं, धर्मशालाएँ बनवा सकते हैं और गरीबों के उपचार के लिए औषधालय खुलवा सकते हैं।
B. हम धन के बल पर दूसरों का हित कर सकते हैं। भूखे को रोटी खिला सकते हैं, नंगे का तन ढंकने के लिए वस्त्र दे सकते हैं, धर्मशालाएँ बनवा सकते हैं और गरीबों के उपचार के लिए औषधालय खुलवा सकते हैं।
C. हम धन के बल पर दूसरों का हित कर सकते हैं। भूखे को रोटी खिला सकते हैं, नंगे का तन ढंकने के लिए वस्त्र दे सकते हैं,  धर्मशालाएँ बनवा सकते हैं और गरीबों के उपचार के लिए सिनेमा घर खुलवा सकते हैं।
D. हम धन के बल दूसरों का अहित कर सकते हैं। भूखे को रोटी खिला सकते हैं, नंगे का तन ढंकने के लिए वस्त्र दे सकते हैं, धर्मशालाएँ बनवा सकते हैं और गरीबों के उपचार के लिए औषधालय खुलवा सकते हैं।
Answer» C. हम धन के बल पर दूसरों का हित कर सकते हैं। भूखे को रोटी खिला सकते हैं, नंगे का तन ढंकने के लिए वस्त्र दे सकते हैं,  धर्मशालाएँ बनवा सकते हैं और गरीबों के उपचार के लिए सिनेमा घर खुलवा सकते हैं।


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