वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R पर द्विआधारी संक्रिया `**` इस प्रकार परिभाषित है की-
`a**b=(ab)/(4)AA, a, b in R`
द्विआधारी संक्रिया `**` के कर्मविनिमेयता और साहचर्यता का परिक्षण कीजिए।
`a**b=(ab)/(4)AA, a, b in R`
द्विआधारी संक्रिया `**` के कर्मविनिमेयता और साहचर्यता का परिक्षण कीजिए।
यहाँ `a**b(ab)/(4)AA, a, b in R`
क्रमविनिमयेता माना `a, b in R` तब
`a**b=(ab)/(4)`
`=(ba)/(4) ” “`[ R में गुण क्रमविनिमेय होता है]
`=b**a`
`:. A**b= b** a, AA, b in R`.
अतः `**r` में क्रमविनिमेय का पालन करती है।
साहचर्यता माना `A, b , c in R` तब
`(a*b)*c=((ab)/(4))**c`
`=(((ab)/(4))C)/(4)`
`=(abc)/(16) ” “…(1)`
`a**(b**c)=a**((bc)/(4))`
`=(a((bc)/(4)))/(4)`
`=(abc)/(16) ” “…(2)`
समी (1) और(2) से
`(a**b)**c=a**(b**c) AA a, b, c in R`
अतः `**R` में साहचर्य नियम का पालन करती है।