उन्नति के पथ पर चलनेवाला छात्र प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व ही उठ बैठता है। नित्यकर्म से निवृत्त होकर वह स्नान करता है। तत्पश्चात् भगवान से प्रार्थना करता है कि वह सदा उसका पथ-प्रदर्शक रहे। पूजन के बाद व्यायाम करना उत्तम छात्र के लिए आवश्यक है। उसके बिना शरीर सबल, सुन्दर और सुगठित नहीं हो सकता। जिस मन्दिर में सुन्दरता न हो, उसमें बैठनेवाली मूर्ति कभी सुन्दर नहीं हो सकती।
व्यायाम के बाद थोड़ा जलपान करना अत्यंत हितकर होता है। उसके बाद दैनिक समाचारपत्र भी देखना चाहिए, ताकि संसार, देश, नगर तथा पड़ोसी की गतिविधि का परिचय हो जाए। इसका ज्ञान न होने से कभी-कभी बड़ी हानि होती है। समाचार-पठन के पश्चात् विद्यार्थी अपना पाठ्यविषयक अध्ययन करता है। वह उस पर विचार तथा नवीन अभ्यास का प्रयत्न करता है।
- उत्तम छात्र प्रात:काल में कब उठता है? स्नान के बाद वह भगवान की प्रार्थना क्यों करता है?
- छात्र के लिए व्यायाम क्यों आवश्यक माना गया है?
- समाचार-पठन के पश्चात् छात्र को क्या करना चाहिए?
- छात्र के लिए दैनिक समाचारपत्र पढ़ना क्यों अनिवार्य है?
- इस परिच्छेद के लिए एक उचित शीर्षक दीजिए।
1) उन्नति के पथ पर चलनेवाला छात्र प्रात:काल सूर्य के उदय होने से पहले ही उठता है। स्नान करने के बाद वह भगवान की प्रार्थना इसलिए करता है कि भगवान हमेशा उनका पथ-प्रदर्शक बने ।
2) व्यायाम से शरीर सबल, सुंदर और सुगठित बनता है। अतः छात्र के लिए व्यायाम करना आवश्यक माना गया है।
3) समाचार-पठन के पश्चात् छात्र को अपने पाठ्यविषयों का अध्ययन करना चाहिए, उन पर विचार करना चाहिए और नवीन अभ्यास का प्रयास करना चाहिए।
4) दैनिक समाचारपत्र पढ़ने से संसार, देश, नगर तथा आसपास की गतिविधियों से परिचय हो जाता है। इससे ज्ञान की वृद्धि होती है। अतः छात्र के लिए समाचारपत्र पढ़ना अनिवार्य है।
5) उचित शीर्षक उत्तम छात्र की प्रात:कालीन चर्या अथवा आदर्श विद्यार्थी