तुमुल’ खण्डकाव्य के आधार पर हनुमान द्वारा दिये गयें उपदेश का वर्णन कीजिए।
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
दशम सर्ग (हनुमान द्वारा उपदेश) इस सर्ग में हनुमान द्वारा दु:खी वानरों को समझाने का वर्णन है। लक्ष्मण के शक्ति-बाण लगने और उनके मूर्च्छित होने से देवताओं में खलबली मच गयी। वानर सेना अत्यधिक व्याकुल हो विलाप करने लगी। हनुमान ने वानरों को समझाया कि लक्ष्मण अचेत हुए हैं। वीरों को विलाप करना उचित नहीं होता। शोक को त्यागकर बदला लेने के लिए तैयार हो जाओ। जिसके रक्षक राम हैं उसका संसार में कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। तुम्हारी व्याकुल दशा को देखकर शत्रु तुम्हारा उपहास करेंगे। हनुमान के उपदेश का सभी पर प्रभाव पड़ा और वे शोकरहित हो गये। दूसरी ओर कुटी में बैठे हुए श्रीराम का मन कुछ उदास था। उसी समय कुछ अपशकुन होने लगे, जिससे राम चिन्तित हो गये।