सोलर सेल के लिए Si तथा GaAs को मुख्यतः प्रयुक्त करने का क्या कारण है?
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सोलर स्पेक्ट्रम (वर्णक्रम) को निम्न चित्र में प्रदर्शित किया गया है। इसका मान 1.5eV पर अधिकतम है। h`upsilon` gt `E_g` अर्थात् वह अर्धचालक पदार्थ जिसका ऊर्जा अंतराल 1.5eV या उससे कम है तो उसकी अच्छी सौर रूपांतरण दक्षता होगी। Si का ऊर्जा अंतर `E_g` = 1.1eV तथा GaAs के लिए `E_g` ~ 1.53eV होता है। चूँकि GaAs का अवशोषण गुणांक अधिक है अत: उच्च ऊर्जा अंतर होकर भी ये Si से ज्यादा अच्छा है। यदि हम Cds या CdSe (`E_g` ~ 2.4) जैसे पदार्थों को चुने तो प्रकाश रूपांतरण के लिए हम सौर ऊर्जा के केवल उच्च ऊर्जा पदों का ही उपयोग करते हैं। जिससे ऊर्जा का एक सार्थक भाग अनुपयोगी रह जायेगा। अब PbS (`E_g` ~ 0.4) की उपयोगिता पर विचार करते हैं। यह h`upsilon` gt `E_g` के प्रतिबंध को संतुष्ट करता है। लेकिन n, gtgt n इसके कारण सौर विकिरण का अधिकांश भाग इससे बने सौर सेल की ऊपरी पर्त पर ही अवशोषित हो जायेगा और बाहरी क्षेत्र में या उसके पास नहीं पहुँच पायेगा। संधि क्षेत्र के कारण इलेक्ट्रॉन होल के प्रभावी पृथक्कन के लिए प्रकाश जनन केवल संधि क्षेत्र में ही होना चाहिए।