सामान्य परिस्थितियों में हाइड्रोजन एक परमाण्विक की अपेक्षा द्विपरमाणविक रूप में क्यों पाया जाता है?
हाइड्रोजन का इलेक्ट्रॉनिक `1s^(1)` विन्यास है | इनमे
He (Helium) कि भॉंति स्थायी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के लिये एक इलेक्ट्रॉन कि कमी होती है | इसलिए यह He क भॉंति स्थायी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के लिये दूसरे हाइड्रोजन परमाणुओ से एक इलेक्ट्रॉन का साझा करती है तथा द्विपरमाण्विक `H_(2)(H-H)` अणु बनाती है |
`1s^(1)` विन्यास होने के कारण यह एक सहसंयोजी बन्ध (H-H) बनाता है तथा अपना विन्यास पूर्ण कर द्विपरमानुक अणु `(H_(2))` बनाता है।