`””_(6)^(11)C to””_(5)^(11)B+e^(+)+v,T_(1//2)=20.3″ min.”`
उत्सर्जित पॉजिट्रॉन की अधिकतम ऊर्जा `0.960″ MeV”` है | द्रव्यमानों के निम्नलिखित मान दिए गए हैं –
`m(“”_(6)^(11)C)=11.011343” u”` तथा `m(“”_(5)^(11)”B”)=11.009305″ u”`
Q-मान की गणना कीजिए एवं उत्सर्जित पॉजिट्रॉन की अधिकतम ऊर्जा के मान से इसकी तुलना कीजिए |
`””_(6)^(11)C to””_(5)^(11)”B”+e^(+)+v`
इस क्षय प्रक्रिया में मुक्त ऊर्जा निम्न सूत्र द्वारा दी जाती है –
`Q=[m_(N)(“”_(6)^(11)C)-m_(N)(“”_(5)^(11)”B”)-m_(e)]c^(2)” “…(1)`
जहाँ `m_(N)(“”_(6)^(11)C)=””_(6)^(11)C` का नाभिक द्रव्यमान
`m_(N)(“”_(6)^(11)”C”)-6m_(e)`
कार्बन परमाणु में 6 इलेक्ट्रॉन होते हैं | अत: नाभिक का द्रव्यमान निकालने के लिए कार्बन परमाणु के द्रव्यमान में से 6 इलेक्ट्रॉनों को घटाया गया है |
इसी प्रकार `m_(N)(“”_(5)^(11)”B”)=m(“”_(5)^(11)”B”)-5m_(e)`
समी. (1) में मान रखने पर,
`Q=[m(“”_(6)^(11)”C”)-6m_(e)-{(“”_(5)^(11)”B”)-5m_(e)}-m_(e)]c^(2)`
`=[m(“”_(6)^(11)”C”)-m(“”_(5)^(11)”B”)-2m_(e)]c^(2)`
`=[11.011434-11.009305-2xx0.000548]u xx c^(2)`
`=0.001033″ u”xx c^(2)`
`=0.001033xx931.5(“MeV”)/(c^(2))xx c^(2)`
`=0.961″ MeV.”`
अब `Q=E_(d)+E_(e)+E_(v)`
जहाँ `E_(d)` संतति नाभिक की ऊर्जा, `E_(e)` पॉजिट्रॉन की ऊर्जा तथा `E_(v)` न्यूट्रॉनों की ऊर्जा है |
संतति नाभिक `””_(5)^(11)”B”,e^(+)` तथा v की तुलना में भारी होता है | अत : `E_(d)` का मान नगण्य होता है | यदि न्यूट्रिनों की गतिज ऊर्जा न्यूनतम (अर्थात शून्य) हो, तो पॉजिट्रॉन की ऊर्जा अधिकतम होगी | इस स्थिति में
`Q=0+E_(e)+0`
`=E_(e)=0.961″ MeV”.`