राष्ट्रीय आय के आर्थिक विकास में योगदान की व्याख्या कीजिए।
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राष्ट्रीय आय एवं आर्थिक विकास
आर्थिक विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा दीर्घकाल में किसी अर्थव्यवस्था की वास्तविक राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है। अत: किसी देश के द्वारा अपनी वास्तविक राष्ट्रीय आय बढ़ाने हेतु सभी उत्पादन साधनों का कुशलतम प्रयोग करना ही आर्थिक विकास है।
आर्थिक विकास और राष्ट्रीय आय का परस्पर घनिष्ठ सम्बन्ध हैं। किसी देश का आर्थिक विकास करने का अर्थ उस देश की राष्ट्रीय आय एवं प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के साथ-साथ देश के सर्वांगीण विकास एवं सामाजिक कल्याण में वृद्धि करना भी है, जिससे उसके प्रत्येक निवासी का जीवन-स्तर ऊँचा उठ सके तथा मानव के आर्थिक कल्याण में वृद्धि हो सके। इसी प्रकार यदि किसी देश की राष्ट्रीय आय एवं प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है तो इसका भी यही अर्थ है कि देश के आर्थिक विकास का प्रयत्न किया जा रहा है। राष्ट्रीय आय एवं प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होने से निर्धनता दूर होगी, देशवासियों को पर्याप्त सुविधाएँ उपलब्ध हो सकेंगी और उनका जीवन सुखमय होगा।
उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि राष्ट्रीय आय व आर्थिक विकास एक-दूसरे के सहयोगी हैं।’ किसी देश में राष्ट्रीय आय में उत्तरोत्तर वृद्धि उसकी आर्थिक प्रगति की सूचक होती है। राष्ट्रीय आय के आधार पर ही विकसित, विकासशील व पिछड़े देशों के मध्य तुलना की जाती है। प्रायः उच्च राष्ट्रीय आय व उच्च प्रति व्यक्ति आय वाले देशों को विकसित देश कहा जाता है। इसके विपरीत कम आय वाले देशों को विकासशील देश कहा जाता है। इस प्रकारे स्पष्ट है कि आर्थिक विकास व राष्ट्रीय आय में घनिष्ठ सम्बन्ध है।