प्रयोग द्वारा आप ऐल्कोहॉल एव कार्बोक्लिसिक अम्ल में कैसे अंतर कर सकते है?
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निम्नलिखित प्रयोग द्वारा ऐल्कोहॉल और कार्बोक्लिसिक अम्ल में अंतर किया जा सकता है-
(i) सोडियम कार्बोनेट परीक्षण-दो अलग-अलग परखनलियाँ ऐल्कोहॉल और कार्बोक्लिसिक अम्ल की थोड़ी-थोड़ी मात्रा लो। दोनों परखनलियों में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में सोडियम कार्बोनेट `(NaHCO_(3))` का जलीय विलयन डालो। जिस परखनली में `CO_(2)` गैस उत्पन्न होने के कारण बुदबुदाहट होती है, वह कार्बोक्सिलिक अम्ल है।
`CH_(3)COOH+NaHCO_(3)toHC_(3)COONa+H_(2)O+CO_(2)`
(ii) क्षारीय पोटैसियम परमेंगनेट परीक्षण- दो परखनलियों में दोनों यौगिकों की थोड़ी-थोड़ी मात्रा लो और उनमे क्षारकीय पोटैशियम परमैगनेट की बुँदे डेलो। इन्हे गर्म करो, जो यौगिक क्षारकीय पोटैशियम परमेगनेट विलयन के गुलाबी रंग को समाप्त कर देगा, वह निश्चित रूप से ऐल्कोहॉल होगा।
(iii) लिटमस परीक्षण- कार्बोक्लिसिक अम्ल में नीला लिटमस विलयन डालने से लाल हो जाता है, जबकि ऐल्कोहॉल में लिटमस विलयन डालने से रंग में कोई परिवर्तन नहीं होता।