क्षेत्रफल का आवर्धन = ` (6.25 मिमी^2)/(1मिमी^2)=6।25`
रेखीय आवर्धन `m=sqrt6.25`=2.5
`therefore m=v/u`
v=mu , v=2.5 u
`1/f=1/v-1/u`
`rArr 1/f=1(2.5u)-1/u`
`rArr 1/10=1/(2.5u)-1/u`
`rArr 1/10=(1-2.5)/(2.5 u) `
2.5 u = -1.5 x 10
`u=(-1.5xx10)/2.5`=-6 सेमी
`therefore v=2.5 xx u= 2.5 xx (-6)`
v=-15 सेमी
प्रश्न में वस्तु तथा आवर्धक लेन्स के बीच कितनी दूरी होने चाहिए ताकि आभासी प्रतिबिम्ब में प्रत्येक वर्ग `6.25 मिमीo^(2)` क्षेत्रफल का प्रतीत हो ? क्या आप आवर्धक लेन्स को नेत्र के अत्यधिक निकट रखकर इन वर्गो को सुस्पष्ट देख सकेंगे ?
Maya Suresh Nazareth
Asked: 3 years ago2022-11-07T03:31:24+05:30
2022-11-07T03:31:24+05:30In: General Awareness
प्रश्न में वस्तु तथा आवर्धक लेन्स के बीच कितनी दूरी होने चाहिए ताकि आभासी प्रतिबिम्ब में प्रत्येक वर्ग `6.25 मिमीo^(2)` क्षेत्रफल का प्रतीत हो ? क्या आप आवर्धक लेन्स को नेत्र के अत्यधिक निकट रखकर इन वर्गो को सुस्पष्ट देख सकेंगे ?
प्रश्न में वस्तु तथा आवर्धक लेन्स के बीच कितनी दूरी होने चाहिए ताकि आभासी प्रतिबिम्ब में प्रत्येक वर्ग `6.25 मिमीo^(2)` क्षेत्रफल का प्रतीत हो ? क्या आप आवर्धक लेन्स को नेत्र के अत्यधिक निकट रखकर इन वर्गो को सुस्पष्ट देख सकेंगे ?
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Namita Shashank Barman
Asked: 3 years ago2022-10-29T08:28:11+05:30
2022-10-29T08:28:11+05:30In: General Awareness
प्रश्न में वस्तु तथा आवर्धक लेन्स के बीच कितनी दूरी होने चाहिए ताकि आभासी प्रतिबिम्ब में प्रत्येक वर्ग `6.25 मिमीo^(2)` क्षेत्रफल का प्रतीत हो ? क्या आप आवर्धक लेन्स को नेत्र के अत्यधिक निकट रखकर इन वर्गो को सुस्पष्ट देख सकेंगे ?
प्रश्न में वस्तु तथा आवर्धक लेन्स के बीच कितनी दूरी होने चाहिए ताकि आभासी प्रतिबिम्ब में प्रत्येक वर्ग `6.25 मिमीo^(2)` क्षेत्रफल का प्रतीत हो ? क्या आप आवर्धक लेन्स को नेत्र के अत्यधिक निकट रखकर इन वर्गो को सुस्पष्ट देख सकेंगे ?
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नया आवर्धन `=6.25″ मिमी”^(2)`
वर्ग की प्रत्येक भुजा `=sqrt(6.25)=2.5` मिमी
रेखीय आवर्धन, `(v)/(u)=(2.5″मिमी”)/(1″मिमी”),v=2.5u`
लेंस के सूत्र से, `(1)/(2.5u)-(1)/(u)=(1)/(10)`
`(-1.5)/(2.5u)=(1)/(10)` अथवा `u=-(15)/(2.5)=-6` सेमी
`:.” “v=2.5xx(-6)=-15` सेमी
चूँकि `vlt25` सेमी अर्थात प्रतिबिम्ब स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी से समीप है । अतः आँख से सुस्पष्ट नहीं देखा जा सकता ।
दिया है-प्रतिबिम्ब का क्षेत्रफल `A_(I)=6.25 मिमीo^(2)`
वस्तु का क्षेत्रफल `(A_(o))=1 मिमीo^(2)`
लेन्स की फोकस दूरी (f) =10 सेमीo
कोणीय आवर्धन (m)`=sqrt((A_(I))/(A_(o)))=sqrt((6.25)/(1))=2.5`
पुनः आवर्धन (m)`=(upsilon)/(u)`
अथवा `”” upsilon=mxxu=2.5xxu” “`……(1)
लेन्स के सूत्रानुसार,
`(1)/(f)=(1)/(upsilon)-(1)/(u)`
`(10)=(1)/(2.5u)-(1)/(u)`
समीकरण (i) से,
`(1)/(10)=(1)/(u)((1-2.5)/(2.5))`
अथवा `” ” u=(-1.5xx10)/(2.5)=-6`सेमीo
अथवा `” ” upsilon=2.5 u=2.5(-6)=-15`सेमीo
अतः आभासी प्रतिबिम्ब 15 सेमीo की दूरी पर बनता है जो सामान्य मनुष्य की आँख के निकट दृष्टि (25 सेमीo ) से कम कर है| अतः यह आँख से स्पष्ट रूप से नहीं देखा जा सकता है|