परिवहन वाहन व्यवहार का अर्थ एवं प्रकार संक्षिप्त में समझाइए ।
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परिवहन का अर्थ : परिवहन यह एक ऐसी सेवा है कि जिसमें मनुष्यों और माल-सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाता है ।
परिवहन के प्रकार :
(1) मानव शक्ति संचालित : मनुष्यों और माल-सामान हेरफेर के लिए मानव बल संचालित परिवहन अभी भी प्रचलित व पर्यावरण के अनुकूल है । बहुत से स्थानों पर पेंडल रिक्षा के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकते है । जैसे कोलकाता में अब भी पेंडल रिक्षा का उपयोग मनुष्यों के आवागमन के लिए होता है । हाथ-लारी द्वारा आज भी भारत के सभी राज्यों में मालसामान को नजदिक के स्थानों तक पहुँचाया जाता है ।
(2) पशुबल संचालित : पशुओं द्वारा मनुष्यों और मालसामान के आवागमन के लिए कम दूरी के स्थानों के लिए दिखाई देते है । जैसे बैल गाड़ी, घोड़ा गाड़ी आदि ।
(3) हवाई मार्ग : हवाई मार्ग द्वारा मनुष्यों और माल-सामान की बहुत ही तेजी से लम्बी दूरी के लिए सम्भव है । कम दूरी के लिए हवाई मार्ग महँगा सिद्ध होता है । हवाई मार्ग अर्थात् विमानों के लिए रनवे जरूरी है । कम अन्तर के लिए कम व्यक्ति व माल-सामान हेतु जहाँ रनवे न बन सके वहाँ ऐसे दुर्गम विस्तारों के लिए हेलीकॉप्टर की सेवाएँ अधिक अनुकूल होती है ।
(4) जमीन मार्ग :
(A) रेलवे मार्ग : भारतीय रेल द्वारा मनुष्यों और माल-सामान का आवागमन होता है । रेल मार्ग भारतीय रेल विभाग की सम्पत्ति है । जिसमें दैनिक असंख्य लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर आते-जाते है तथा रेल विभाग द्वारा माल-वाहक गाड़ियों के माध्यम से दैनिक हजारों टन माल का भी हेरफेर होता है ।
रेल विभाग द्वारा विभिन्न रेलों के माध्यम से शहरों के विस्तारों को जोड़ती है तथा विभिन्न शहरों में दौड़नेवाली ट्रेने परिवहन की रीड की हड्डी के समान है ।
(B) सड़क मार्ग : सड़क मार्ग एक मार्ग से दूसरे मार्ग पर जाने के लिए स्वतंत्र होता है । सड़क मार्ग से प्रत्येक व्यक्ति के घर तक आवश्यक सेवा सम्भव बनती है ।
बस द्वारा सड़क मार्ग के माध्यम से असंख्य लोग आवागमन कर सकते हैं । ट्रक द्वारा माल का हेरफेर कम वजनवाला सामान कम दूरीवाले स्थानों पर किया जा सकता है । वाहनों के उपयोग बढ़ने से वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, ट्राफिक तथा पार्किंग जैसी समस्याएँ बढ़ जाती है । इसलिए बहुत से शहरों में BRTS – Bus Rapid Transit System का उपयोग प्रारम्भ हुआ है । ऐसी बसों के निा मार्ग अनामत रखा जाता है, जिससे तेजी से शहर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँच सकते है । ऐसी बसों के मध्य का कम रखा जाता है जिससे ऐसी सेवा लगातार मिलती रहती है । ऐसी सेवा अब गुजरात में अहमदाबाद, सुरत और राजकोट जैसे शहरों में उपलब्ध है ।
(5) जलमार्ग : समुद्री बीमा, तालाब, नहर, नदी इत्यादि जलमार्गों में नाव, जहाज अथवा अन्य साधनों से जलमार्ग द्वारा आवागमन होता है । विदेश व्यापार के लिए सबसे अधिक जल मार्ग द्वारा होता है । यह मार्ग थोड़ा मन्द गतिवाला मार्ग है लेकिन समुद्री जहाज में हजारों टन माल आवागमन कर सकते है ।
(6) पाईपलाईन मार्ग : तरल अथवा गैस जैसे उत्पादों के लिए पाईपलाईन का उपयोग अधिक अनुकूल रहता है । तरल कचरे का निकाल, पानी, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस इत्यादि के लिए यह व्यवस्था उपयोगी है ।
जैसे हजीरा (गुजरात) से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में गैस परिवहन के लिए पाईपलाईन डाली गई है । भारत में आसाम, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में पाईपलाईन द्वारा क्रूड ऑईल और पेट्रोलियम उत्पादनों का परिवहन होता है ।