प्राचीन भारत के उद्योगों की स्थिति स्पष्ट कीजिए ।
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प्राचीन भारत की आर्थिक समृद्धि विश्व के देशों की आँखों में भी चकाचौंध जाती थी । उसके कारण विश्व में भारत प्राचीन समय से कृषि की वैविध्यता और आधुनिकता रखनेवाला देश है । भारत के किसान साहसी और समृद्ध थे । जब भारत के उद्योग भी किसी भी दृष्टि से कम नहीं है । एक समय में भारत के उद्योगों का विश्व में डंका बजता था । भारत का कपड़ा उद्योग, सन उद्योग, कागज उद्योग, कोयला उद्योग, चाय उद्योग, कॉफी उद्योग, रबर उद्योग इस प्रकार औद्योगिक क्षेत्र में विकसित था । जिसमें भारत सूती कपड़े का उत्पादन और निर्यात क्षेत्र में अग्रसर था । जबकि तीसरे पक्ष में भारत का व्यापार विश्व प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका था । प्राचीन समय में विदेश जाने के लिए खूब ही अवरोधक थे फिर भी भारतीय व्यापारी जलमार्ग से विश्व के देशों में भारत से गर्म मसाला, तेज पता, सूती कपड़ा, मलमल का कपड़ा और गरम कपड़ा आदि का विक्रय करता था और बड़े पैमाने पर मुद्रा का सर्जन करता था ।
इस प्रकार कह सकते हैं कि भारत कृषि, उद्योग और व्यापार क्षेत्र में विकसित था जो आर्थिक संपन्नता का प्रतीक था ।