निम्नलिखित अभिकर्ताओं के समीकरणों को आयन इलेक्ट्रान तथा ऑक्सीकरण-संख्या विधि (क्षारीय माध्य में) द्वारा सन्तुलित कीजिए तथा इनमे ऑक्सीकरण और अपचायकों की पहचान कीजिए-
(क) `P_(4)(s)+OH^(-)(aq) to PH_(3)(g) +HPO_(2)^(-)(aq)`
(ख) `N_(2)H(l)+CIO_(3)^(-)(aq) to NO(g)+CI^(-)(g)`
(ग) `CI_(2)O_(7)(g)+H_(2)O_(2)(aq) to CIO_(2)^(-)(aq)+O_(2)(g)+H^(+)`
(क) `P_(4)(s)+OH^(-)(aq) to PH_(3)(g) +HPO_(2)^(-)(aq)`
(ख) `N_(2)H(l)+CIO_(3)^(-)(aq) to NO(g)+CI^(-)(g)`
(ग) `CI_(2)O_(7)(g)+H_(2)O_(2)(aq) to CIO_(2)^(-)(aq)+O_(2)(g)+H^(+)`
(क) `overset(0)(P_(4))+overset(-2)(O)overset(+1)(H^(-))(aq) to overset(-3)Poverset(+1)(H_(3))(g) +overset(+1)(H_(2))overset(+1)(P)overset(-2)(O_(2)^(-2))(aq)`
(i) सबसे पहले ऑक्सीकरण तथा अपचयन की अर्द्ध-अभिक्रिया लिखते है-
`overset(0)(P_(4)) to H_(2) overset(+1)PO_(2)^(-)` (ऑक्सीकरण)
`overset(0)(P_(4)) to overset(-3)PH_(3)` (अपचयन)
(ii) ऑक्सीकरण तथा अपचयन अर्द्ध-अभिक्रियाओं को सन्तुलित करते है-
`P_(4) to 4H_(2)PO_(2)^(-) +4e`
अब O- परमाणु को “ आयन द्वारा सन्तुलित करते है, जितने O- परमाणु कम है उतने ही `OH^(-)` बायीं ओर जोड़कर सन्तुलित करते है।
`P_(4)+8OH^(-) to 4H_(2)PO_(2)^(-) +4e`
`P_(4)+12e to PH_()3)`
अब H – परमाणु को `H_(2)O` द्वारा सन्तुलित करते है, तथा जितने `H_(2)O` बायीं ओर जोड़े है उतने ही `OH^(-)` दायी ओर जोड़ते है।
`P_(4)+12e+12H_(2)O to 4PH_(3)+12OH^(-)`
(iii) अब दोनों अर्द्ध-अभिक्रयाओं को एलेक्ट्रॉनों की संख्या बराबर करके जोड़ने पर,
`({:(P_(4)+12e+12H_(2)O, to 4PH_(3)+12OH^(-)),(P_(4)+8OH^(-),to 4H_(2)PO_(2)^(-)+4exx3):})/(4P_(4)+12H_(2)O+12OH^(-)to 4PH_(3)+12H_(2)PO_(2)^(-))`
या `P_(4)+3H_(2)O+3OH^(-) to PH_(3)+3H_(3)PO_(2)^(-)`
इस अभिक्रिया में `P_(4)` ऑक्सीकृत भी है तथा अपचायक भी । यह अपचयित होकर `PH_(3)` तथा ऑक्सीकृत होकर `H_(2)PO_(2)^(-)` देता है ।
नोट-ऑक्सीकरण संख्या विदी से स्वयं हल करें।
(ख) `overset(-2)(N_(2))overset(+1)(H_(4))(l)+overset(+5)(CI)overset(-2)(O_(3)^(-))(aq) to overset(+2)(N)overset(-2)(O)(g)+overset(-1)(CI^(-))(g)`
(i) सबसे पहले ऑक्सीकरण तथा अपचयन की कोई अर्द्ध-अभिक्रिया लिखते है-
`N_(2)H_(4) to NO` (ऑक्सीकरण)
`CIO_(3)^(-) to CI^(-)` (अपचयन)
(ii) ऑक्सीकरण तथा अपचयन अभिक्रियाओं को सन्तुलित करते है-
`N_(2)H_(4) to 2NO+8e`
अब O- परमाणु को सन्तुलित करते है-
`N_(2)H_(4) to 2NO+8e`
अब H-परमाणु को `H_(2)O` द्वारा सन्तुलित करते है। जितने `H_(2)O` दायी ओर जोड़ते है उतने ही `OH^(-)` बायीं ओर
या `N_(2)H_(4)+2OH^(-)+6OH^(-) to 2NO+6e+6H_(2)O`
(ii) अब `CIO_(3)^(-)+6e to CI^(-)`
अब O- परमाणु `H_(2)O` द्वारा सन्तुलित करते है, जितने `H_(2)O` बायीं ओर जोड़ते है उतने ही `OH^(-)` दायी ओर
या `CIO_(3)^(-)+6e to CI^(-)+3OH^(-)`
(iv) अब दोनों अर्द्ध-अभिक्रियाओं को एलेक्ट्रॉनों की संख्या बराबर करके जोड़ने पर,
`({:([N_(2)H_(4)+8OH^(-)rarr2NO+8e+6H_(2)O]xx3),([ClO_(3)^(-)+6e+3H_(2)OrarrCl^(-)+6OH^(-)]xx4):})/(3N_(2)H_(4)+4ClO_(3)^(-)rarr6NO+4Cl^(-)+6H_(2)O)`
(ग) `overset(+7)(CI_(2))overset(-2)(O_(7))(g)+overset(+1)(H_(2))overset(-1)(O_(2))(aq) to overset(+3)(CI)overset(-1)(O_(2)^(-))(aq)+overset(0)O_(2)(g)+overset(+1)(H^(+))`
(i) सबसे पहले ऑक्सीकरण तथा अपचयन की अर्द्ध-अभिक्रिया लिखते है-
`H_(2)O_(2) to O_(2)` (ऑक्सीकरण)
`CI_(2)O_(7) to CIO_(2)^(-)` (अपचयन)
(ii) अब ऑक्सीकरण तथा अभिक्रिया को सन्तुलित करते है-
`H_(2)O_(2) to O_(2)+2e`
H-परमाणु को सन्तुलित करते है-
`H_(2)O_(2)+2OH^(-) to O_(2)+2e+2H_(2)O`
(iii_ `CI_(2)O_(7)+8e to 2CIO_(2)^(-)`
अब H-परमाणु को सन्तुलित करते है। बायीं ओर जितने H-परमाणु कम है उतने ही `H_(2)O` बायीं ओर तथा उतने ही `OH^(-)` दायी ओर जोड़ते है।
`CI_(2)O_(7)+8e+3H_(2)O to 2CIO_(2)^(-)+2OH^(-)+3OH^(-)`
(iv) अब दो अर्द्ध-अभिक्रियाओं की एलेक्ट्रॉनों की संख्या बराबर करके जोड़ने पर,
`({:([H_(2)O_(2)+2OH^(-)rarrO_(2)+2e+2H_(2)O]xx4),(Cl_(2)O_(7)+8e+3H_(2)Orarr2ClO_(2)^(-0)+6OH^(-)):})/(underline(4H_(2)O_(2)+Cl_(2)O_(7)+2OH^(-)rarr4O_(2)+2Cl_(2)O_(2)^(-)+5H_(2)O))`