नौकरशाही की बुनियादी विशेषताएँ क्या हैं?
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नौकरशाही के साथ जर्मनी के सुप्रसिद्ध समाजशास्त्री मैक्स वेबर (1864-1920 ई०) का नाम जुड़ा हुआ है। उनके अनुसार नौकरशाही एक संस्तरणबद्ध संगठन है जिसकी रचना तार्किक ढंग से बहुत-से ऐसे व्यक्तियों के कार्यों के समीकरण के लिए की गई है जो वृहद् स्तर पर प्रशासनिक दायित्वों के संगठनात्मक लक्ष्यों की प्राप्ति में लगे हैं। नौकरशाही की बुनियादी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
⦁ अधिकारियों के प्रकार्य – नौकरशाही के अंतर्गत प्रत्येक अधिकारी के प्रकार्य (काम) सुस्पष्ट होते हैं जिनका संचालन नियमों, कानूनों तथा प्रशासनिक विधानों द्वारा होता है। उच्च अधिकारियों द्वारा अधीनस्थ वर्गों के कार्यों पर नियंत्रण रखा जाता है। नौकरशाही में नौकरी के अनुकूल योग्यता वाले व्यक्तियों की ही भरती की जाती है। नौकरशाही में सरकारी पद पदधारी से स्वतंत्र होते हैं क्योंकि वे उनके कार्यकाल के पश्चात् भी बने रहते हैं।
⦁ पदों का सोपानिक क्रम – नौकरशाही में सभी पद श्रेणीगत सोमान पर आधारित होते हैं। इसीलिए जहाँ एक ओर उच्च अधिकारी निम्न अधिकारी को निर्देश देते हैं वहीं दूसरी ओर निम्न अधिकारी अपनी शिकायत उच्च अधिकारी को कर सकते हैं।
⦁ लिखित दस्तावेजों की विश्वसनीयता – नौकरशाही का कार्य लिखित दस्तावेजों के आधार पर | होता है तथा फाइलों को रिकॉर्ड के रूप में सँभालकर रखा जाता है।
⦁ कार्यालय का प्रबंधन – कार्यालय का प्रबंधन विशिष्ट तथा आधुनिक क्रिया है। इसीलिए इसमें कार्य के लिए प्रशिक्षित और कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता होती है।
⦁ कार्यालयी आचरण – प्रत्येक कार्यालय में कर्मचारियों का आचरण नियमों तथा कानूनों द्वारा | नियंत्रित होता है। इन्हीं के कारण उनका सार्वजनिक आचरण उनके निजी व्यवहार से अलग होता है। अपने आचरण हेतु प्रत्येक कर्मचारी जिम्मेदार होता है।