ममता का चरित्र-चित्रण कीजिए।
अथवा
‘ममता’ कहानी के आधार पर ममता का चरित्र चित्रण कीजिए।
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ममता एक अनिंद्य सौंदर्यमयी विधवा युवती है। ब्राह्मण होने के कारण उसके मन में धन के प्रति मोह लेशमात्र भी नहीं है। वह स्वाभिमानी भी है, त्याग करना और कष्ट सहना वह जानती है। उसमें भारतीय नारी के सभी गुण मौजूद हैं। ममता देश भक्त भी है। राष्ट्र प्रेम उसकी नसों में कूट-कूट कर भरा है। अपने पिता द्वारा प्राप्त यवनों द्वारा दी गई रिश्वत की राशि को वह लौटा देने का आग्रह करती है। ममता यह जानते हुए भी कि उसके पिता की हत्या इन यवनों के हाथों हुई है, वह एक यवन आगंतुक को इसलिए शरण देती है कि हिंदू धर्म में अतिथि देवो भव’ कहा गया है। उसकी दूरदर्शिता उसकी बातों से स्पष्ट रूप में दृष्टिगोचर होती है। लोगों के प्रति प्रेम, सेवा भावना तथा दूसरों के सुख-दुःख समझने की भावना के कारण ही लोग उसका सम्मान करते थे। वह आजीवन सबके सुख-दुःख की सहभागिनी रही। उसकी इसी सेवा भावना के कारण उसके अंत समय में गाँव की स्त्रियाँ ममता की सेवा के लिए घेर कर बैठी थीं।