मैक्सवेल व्दारा प्रतिपादित क्षेत्र – समीकरणों (field equations) के आधार पर विद्युत – चुंबकीय तरंग की उत्पत्ति , संचरण तथा अन्य घटनाओं की व्याख्या की जाती हैं । इस सिध्दांत के अनुसार , विद्युत क्षेत्र `vec(E)` तथा चुंबकीय क्षेत्र `vec(B)` एक – दूसरे से अतंरबध्द है तथा तरंग संचरण के क्रम में दोनों क्षेत्र समय के साथ परिवर्ती होते हैं । मुक्त आकाश में वे प्रकाश की चाल `(c_(0) = 3xx10^(8)m s^(-1) )` से गमन करती हैं । मैक्सवेल के चार समीकरण मूलतः (i) चुंबकत्व गॉस का नियम , (ii) स्थिर वैद्युतिकी में गॉस का नियम , (iii) फैराडे का विद्युत – चुंबकीय प्रेरण का नियम तथा
(iv) ऐम्पियर के नियम का एक पूर्ण सेट हैं ।
चुंबकत्व में गॉस का नियम जिस समीकरण से व्यक्त होता हैं , वह हैं
A. `intvec(B)*d vec(A) = (m)/(mu_(0))`
B. `intvec(B)*d vec(A) = mu_(0)m`
C. `intvec(E)*dvec(A) = sqrt((q)/(in_(0))`
D. `intvec (E) *dvec(A) = (q)/(in_(0))`
(iv) ऐम्पियर के नियम का एक पूर्ण सेट हैं ।
चुंबकत्व में गॉस का नियम जिस समीकरण से व्यक्त होता हैं , वह हैं
A. `intvec(B)*d vec(A) = (m)/(mu_(0))`
B. `intvec(B)*d vec(A) = mu_(0)m`
C. `intvec(E)*dvec(A) = sqrt((q)/(in_(0))`
D. `intvec (E) *dvec(A) = (q)/(in_(0))`
Correct Answer – D