लड़के और लड़कियों में पाए जाने वाले सामाजिक भेद लिखिए
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लड़के से लड़कियों में पाए जाने वाले सभी सामाजिक भेदों का आधार लैंगिक असमानता ही होता है। गगक असमानता से तात्पर्य ही भार पर लड़कियों के साथ भेदभाव से है। परम्परागत रुप से समाज में लड़कियों को कमजोर वर्ग के रूप में देखा जाता है। वे घर और समाज दोनों जगहों पर शोषण, अपन और भेदभाव से पॉड़ित होती हैं। इस प्रकार लड़के एवं लड़कियों में पाए जाने वाले सामाजिक भेद निम्न प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है
⦁ भारत में पुरुष प्रधान समाज की व्यवस्था रही है, जिसमें स्त्रियों पर पुरुषों का वर्चस्व रहा है।
⦁ भारत में ग्रामीण सामाजिक व्यवस्था में स्त्रियों को घर के अन्दर रहकर घरेलू कार्य करने होते हैं।
⦁ स्त्रियों में अशिक्षा होने के कारण वे अन्यविश्वास तथा मनगढन्त धार्मिक गाथाओं की झूठी बातों में दबी रहती हैं।
⦁ भारतीय समाज में स्त्रियों की सम्पत्ति में समान अधिकार न मिलने के कारण भी उनका वर्चस्व अपेक्षाकृत कम रहता है।
⦁ स्त्रियों को शारीरिक एवं मानसिक दृष्टिकोण से कमजोर माना जाता है, जिसके रूण उन्हें रोजगार सम्बन्धी कार्यों में भी लैंगिक विभेदता का सामना करना पड़ता हैं।
⦁ स्त्रियों के आर्थिक रूप से सम्पन्न न होने के कारण वे सदैव पिता, पति भाई अथवा बच्चों पर ही आश्रित रहती है।
⦁ विभिन्न धार्मिक कार्यों में भी पुरुषों को अपेक्षाकृत अधिक महत्व दिया जाता है।
⦁ पितृसत्ताक समाज होने के कारण लड़की की अपेक्षा तहके के जन्म पर अधिक उल्लास एवं खुशी मनाई जाती है।