ग्राहक अधिकारों के विषय में विस्तृत चर्चा कीजिए । अथवा ग्राहक सुरक्षा के अनुसार ग्राहकों को कौन-से अधिकार मिले .
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ग्राहकों के द्वारा अपनी आवश्यकता के अनुसार वस्तु की खरीदी वस्तु बाजार में से करनी होती है । व्यापारी, उत्पादक वर्ग एवं अन्य विक्रय करने वाले मध्यस्थियों के द्वारा वस्तु की कीमत दूसरे व्यापारी एवं उत्पादकवर्ग तथा मध्यस्थियों के कर्ता अधिक . कीमत लेकर बेचते हैं । ग्राहक वर्गों को इसकी जानकारी नहीं होती तथा उत्पादक वर्गों के द्वारा वस्तु में मिश्रण की जानेवाली सामग्री का प्रमाण कम या तो होता ही नहीं है । इस प्रकार का हमेशा बनता रहता है ।
ग्राहकों को मिलावट वाली वस्तु खरीदनी होती है । जिससे ग्राहकों के साथ छेतरपिंडी होती है । एवं मिलावट वाली वस्तु ग्राहक द्वारा खरीदने से ग्राहकों को शारीरिक एवं मानसिक रोग का शिकार होना पड़ता है । अर्थात् ग्राहकों का जीवन स्तर नीचा होता है । परिणाम स्वरुप ग्राहक जाने अनजाने में इस प्रकार की मिलावट वाली सभी शोषणों से रक्षण प्राप्त हो सके इसके लिए ग्राहकों को योग्य अधिकार प्राप्त हो यह आवश्यक है ।
ग्राहकों के अधिकार : ग्राहकों के अधिकार निम्नलिखित हैं :
(1) सुरक्षा (Safety) : मनुष्य के आरोग्य एवं जीवन को नुकसान करने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं से रक्षण प्राप्त करने का अधिकार अर्थात् शारीरिक सुरक्षा का अधिकार मनुष्य के द्वारा इस प्रकार की वस्तु या सेवा नहीं लेनी चाहिए जिससे स्वास्थ्य खराब हो जैसे बीडी, सिगरेट, तम्बाकू इत्यादि इस प्रकार की वस्तु के उपयोग से शारीरिक नुकसान हो सकता है । इस प्रकार की सूचना प्रदान करनी चाहिए ।
(2) जानकारी (Information) : ग्राहकों को वस्तु की गुणवत्ता, कीमत, शुद्धता, पेकिंग इत्यादि की जानकारी प्राप्त होनी चाहिए । जिससे ग्राहक अपनी आवश्यकता के अनुसार वस्तु खरीद सके । जैसे अनाज की खरीदी का निर्णय ले सकता है ।
(3) पसंदगी (Choice) : प्रत्येक ग्राहक अपनी पसंदगी की वस्तु खरीदने का अधिकार है । अर्थात् आवश्यकता अनुसार वस्तु योग्य समय, योग्य प्रमाण, योग्य स्थल पर प्राप्त होनी चाहिए । इसके साथ-साथ वस्तु योग्य कीमत में भी प्राप्त होनी चाहिए । व्यापारी एवं उत्पादक वर्ग ग्राहक को अपनी वस्तु खरीदने के लिये दबाव नही दे सकता है । जैसे स्कूटर खरीदना हो या साइकिल यह ग्राहक की पसंदगी पर निर्भर करता है ।
(4) प्रस्तुतीकरण (Representation) : ग्राहकों को अपना मन्तव्य देने का अवसर प्राप्त होना चाहिए यह मन्तव्य ग्राहक द्वारा क्रय की गई वस्तु के विषय में भी हो सकता है । इसके अलावा ग्राहक जो वस्तु खरीदना चाहते है । उस वस्तु के उत्पादक के लिए भी हो सकता है 1 ग्राहक अपना मन्तव्य लिखित में सरकार को भी दे सकता है । इससे ग्राहक को योग्य संतोष प्राप्त होता है ।
(5) निवारण (Redressel) : भारत जैसे विशाल एवं विविधता युक्त राष्ट्र में ग्राहकों को योग्य वस्तु प्राप्त होनी चाहिए वह प्राप्त भी न हो इस प्रकार के शोषण से रक्षण प्राप्त करने के लिए ग्राहकों को इसके निराकरण हेतु योग्य व्यवस्था होनी चाहिए जैसे किसी ग्राहक को वस्तु की पेकिंग में दर्शाए गए वजन के कर्ता कम वजन में वस्तु प्राप्त हो ।
(6) ग्राहकलक्षी शिक्षण (Consumer Education) : उत्पादित वस्तु के संदर्भ में ग्राहकों को योग्य सूचना प्राप्त हो सके इसके लिए योग्य शिक्षण प्राप्त करने का अधिकार है । वस्तु की कीमत, गुणवत्ता, प्रमाण और वजन इत्यादि के संदर्भ में योग्य शिक्षण प्राप्त करने का अधिकार ग्राहकों को प्राप्त होना चाहिए ।
इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रस्तुत मार्गदर्शिका के अनुसार दो और अधिक मिले इसकी सिफारिश की है ।
(1) प्राथमिक आवश्यकताएँ
(2) आरोग्य प्रद वातावरण
(1) प्राथमिक आवश्यकताओं का प्राप्त करने का अधिकार (Right to Basic Needs) : मनुष्यों को आदर्श जीवन जीने के लिए तथा अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए तथा अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए कई प्राथमिक आवश्यकताएँ अनिवार्य है । जैसे अनाज, कपड़ा, मकान, पानी, शिक्षण, आरोग्य इत्यादि इस प्रकार की प्रत्येक आवश्यकता की पूर्ति करना ग्राहक वर्ग का अधिकार बनता है ।
(2) आरोग्यप्रद वातावरण (Hygenic Environment) : आरोग्यप्रद वातावरण अर्थात् प्रदूषण मुक्त वातावरण की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे कि ग्राहक अपना जीवन सरलता से जी सके, प्रत्येक ग्राहक को प्रदुषण मुक्त हवा, पानी, भोजन और जमीन प्राप्त करने का अधिकार है ।