एक वृताकार कुंडली की त्रिज्या 2 .0 सेमि है तथा इनमें फेरों की संख्या 200 है|यह 1 .0 वेबर /मीटर ` “”^(2 )` के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में इस प्रकार रखी है की इसकी अक्ष,चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के समांतर है| यदि कुण्डली में प्रवाहित धारा 3 .5 एम्पियर हो,तो इसकी स्थितिज ऊर्जा की गणना कीजिए|
चुम्बकीय क्षेत्र में धारावाही कुण्डली की स्थितिज ऊर्जा
` ” “U =-MB cos theta `
प्रश्नानुसार `M=N//A =200xx 3.5xx[3.14xx(0.02)^(2) ]`
` ” “=0.88` ऐम्पियर-मीटर `””^(2 )`
` B= 1.0` वेबर/मीटर ` “”^(2 )` `theta =0^(@) ` अथवा `cos theta =cos 0^(@) =1 ` ltbr gt` therefore ” “U =-(0.88)xx(1.0) xx1=-0.88`जूल