एक दण्ड-चुम्बक को जिसका चुम्बकीय आघूर्ण 1.5 `”ऐम्पियर-मीटर”^(2)` है, एक बहा चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत लटकाने से उस पर 0.24 न्यूटन-मीटर का बल-आघूर्ण लगता है :
(i) चुम्बकीय क्षेत्र का मान क्या है? (ii) इस स्थिति से स्थायी सन्तुलन की स्थिति में आने पर चुम्बक की स्थितिज ऊर्जा में कितना परिवर्तन हो जायेगा? (iii) यदि यह चुम्बक 100 फेरों वाली तथा 150 `”सेमी”^(2)` तल-क्षेत्रफल की धारावाही कुण्डली के तुल्य हो, तो कुण्डली में धारा का मान क्या होगा?
(i) चुम्बकीय क्षेत्र का मान क्या है? (ii) इस स्थिति से स्थायी सन्तुलन की स्थिति में आने पर चुम्बक की स्थितिज ऊर्जा में कितना परिवर्तन हो जायेगा? (iii) यदि यह चुम्बक 100 फेरों वाली तथा 150 `”सेमी”^(2)` तल-क्षेत्रफल की धारावाही कुण्डली के तुल्य हो, तो कुण्डली में धारा का मान क्या होगा?
(i) 0.16 न्यूटन / (ऐम्पियर-मीटर), (ii) -0.24 जूल, (iii) 1.0 ऐम्पियर।