दक्षिणी-पश्चिमी मानसून द्वारा कोलकाता में 145 सेंटीमीटर वर्षा जबकि जैसलमेर में केवल 12 सेंटीमीटर वर्षा होती है।
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कलकत्ता (कोलकाता) बंगाल की खाड़ी से उठने वाली मानसून पवनों के पूर्व की ओर बढ़ते समय पहले पड़ता है। जलकणों से लदी ये पवनें यहां 145 सेंटीमीटर वर्षा करती हैं।
जैसलमेर अरावली पर्वत के प्रभाव में आता है। अरावली पर्वत अरब सागर से आने वाली पवनों के समानान्तर स्थित है और यह पवनों को रोकने में असमर्थ है। अतः पवनें बिना वर्षा किए आगे निकल जाती हैं। यही कारण है कि जैसलमेर में केवल 12 सेंटीमीटर वर्षा होती है।