चित्र में दर्शाइए अनुसार 50 kg सन्ति का कोई व्यक्ति 25 kg संहति के किसी गुटके को दो भिन्न दांग से उठता है। दोनों स्थितियों में उस व्यक्ति द्वारा फर्श पर आरोपित क्रिया-बल कितना है? यदि 700 N अभिलम्ब लबल से फर्श हंसने लगता है, तो फर्श को हंसने से बचने के लिए उस व्यक्ति को, गुटके को उठाने के लिए, कोण=-सा दांग अपनाना चाहिए ?
प्रश्नानुसार गुके का द्रव्यमान m = 25 कीजै तथा व्त्यक्ति का द्रव्यमान M = 50 किग्रा।
गुटके के ऊपर उठाने हेतु आवशयक बल,
`F=mg=25xx9।8=245` न्यौतन
तथा व्यक्ति द्वारा फर्श पर लगाया जय बल = व्यक्ति का भार
`W=mg=50xx9.8=490` न्यौतन
(a) प्रथम स्थिति जैसा की चित्र (a) में प्रदर्शित है जब व्यक्ति को गुटके को उठाना होता है, ऐसे स्थिति में उसे अपने भर की किग्रा-रेखा के विपरीत दिशा में बल लगाने की आवशयकता पड़ती है । अतः फर्श पर पड़ने वाला किग्रा – बल `W+F=490+245` न्यौतन
735 न्यौतन ।
(b) दुवितीय स्थिति ( चित्र b ) में घिरनी लगी होने से व्यक्ति दव३ारा आरोपित बल की दिशा बदल जाती है, अर्थयात इस दिशा में वह गुटके को लिए र्स्स्सी पर बल अपने भार की ही दिशा में लगता है । अतः फर्श पर पड़ने वाला क्रिया – बल,
`=W-F=490-245`न्यौतन
=245 न्यौतन |
चूँकि 700 न्योतन के अभिलम्ब बल से फर्श धंसना शुरू हो जाता है, अतः भर को सुरक्षित उठाने के लिए दुवितीय स्थिति ( स्थिति b ) सवथा उपयुक्त है ।