भारतीय अर्थव्यवस्था की संरचना में कृषि के महत्त्व का परीक्षण कीजिए।
या
भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि के योगदान की विवेचना कीजिए।
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भारतीय अर्थव्यवस्था की संरचना में कृषि का अत्यधिक महत्त्व है। इसके महत्त्व का मूल्यांकन अग्रलिखित आधारों पर किया जा सकता है –
⦁ राष्ट्रीय आय में योगदान – भारत की राष्ट्रीय आय में कृषि का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (G.D.P) में कृषि का योगदान वर्ष 1960-61 में 62% थी, जो वर्ष 2001-02 में घटकर 26.5 प्रतिशत रह गया है। यद्यपि राष्ट्रीय आय में कृषि-क्षेत्र का प्रतिशत अंश घटता जा रहा है, परन्तु कृषि उत्पादन की दृष्टि से कृषि का योगदान बढ़ता जा रहा है।
⦁ रोजगार की दृष्टि से – भारत की लगभग 64 प्रतिशत जनसंख्या कृषि-कार्य में लगी हुई है, जिन्हें कृषि से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। लगभग 20 करोड़ भारतीय कृषक और कृषि मजदूर भारतीय कृषि की रीढ़ हैं, जो कृषि-कार्य करते हैं तथा कृषि द्वारा ही अपनी आजीविका चलाते हैं।
⦁ खाद्य – पदार्थों की प्राप्ति में योगदान – कृषि ने हमारे देश में खाद्यान्न की कमी को दूर करने में, अर्थात् आत्मनिर्भर बनाने में, महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वतन्त्रता के पश्चात् से कृषि में आशातीत प्रगति हुई है। वार्षिक खाद्यान्न उत्पादन जो 50 वर्ष पहले मात्र 5 करोड़ 10 लाख टन था, बढ़कर अब 20 करोड़ 6 लाख मिलियन टन तक हो जाने का अनुमान है।
⦁ औद्योगिक विकास में योगदान – भारतीय उद्योगों का आधार कृषि ही है। भारत के उद्योगों को कच्चा माल कृषि से ही प्राप्त होता है। सूती वस्त्र उद्योग, चीनी उद्योग, जूट उद्योग, चाय व कॉफी उद्योग आदि प्रत्यक्ष रूप से कृषि पर ही निर्भर हैं। इस प्रकार देश के औद्योगिक विकास में भी कृषि का महत्त्वपूर्ण योगदान है।
उपर्युक्त आधारों से स्पष्ट होता है कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कृषि भारत के लिए ऐसी जीवन-पद्धति और परम्परा है जिसने भारत के लोगों के विचार, दृष्टिकोण, संस्कृति और आर्थिक जीवन को सदियों से सँवारा है; अतः कृषि देश के नियोजित सामाजिक-आर्थिक विकास की सभी कार्यनीतियों का मूल है। न केवल राष्ट्रीय स्तर पर अपितु घरेलू खाद्य-सुरक्षा के लिए, आत्मनिर्भरता प्राप्त करने तथा निर्धनता के स्तर में तेजी से कमी करने के लिए, आय और धन-सम्पदा के वितरण में साम्यं लाने के लिए भारतीय कृषि का अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान है।