भारत में 1991 से किये गये आर्थिक सुधारों की असर की चर्चा कीजिए ।
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भारत में 1991 से सरकार की नियंत्रणवाली बाजार आधारित निजी सम्पत्ति और निर्णय की स्वतंत्रतावाली मुक्त अर्थतंत्र की ओर गति की गयी, जिसे आर्थिक सुधारों के नाम से भी जानते हैं । 1951 से भारत में नियंत्रित समाजवादी ढंग की समाजरचना का उद्देश्य था । इस नीति में 1991 में परिवर्तन किया गया । आज लगभग 25 वर्ष के अनुभव पर से इसकी असरों का मूल्यांकन दो भागों में कर सकते हैं ।
(1) आर्थिक सुधार की अनुकूल असर (इच्छनीय असर) : आर्थिक सुधारों की मुक्त नीति की अनुकूल असरें निम्नानुसार हैं :
(2) आर्थिक सुधारों की प्रतिकूल असर (अनिच्छनीय असर) : आर्थिक सुधारों की अनुकूल असरों के साथ-साथ कुछ प्रतिकूल असर भी हुयी जो निम्नानुसार है :