भारहीनता की अवस्था में ( जैसे कृत्रिम उपग्रह में ) यदि किसी केशनली को जल में डुबाया जाये , तो उसमे जल का चढ़ना सामान्य अवस्था में जल के चढ़ने से किस प्रकार भिन्न होगा ?
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सामान्य अवस्था में पृष्ठ – तनाव का बल ( जिसके कारण जल केशनली में चढ़ता है ) जब नली में चढ़े जल – स्तम्भ के भार के बराबर हो जाता है , तो जल का चढ़ना रुक जाता है । भारहीनता की अवस्था (g = 0) में नली में चढ़ने वाले जल – स्तम्भ का प्रभावी भार शून्य होगा । अतः जल केशनली के दूसरे सिरे तक पहुँच जायेगा चाहे केशनली कितनी ही लम्बी क्यों न हो ?