“अनाज का मूल्य इसलिए ऊँचा नहीं होता है, क्योंकि लगान दिया जाता है, बल्कि लगान इसलिए दिया जाता है, क्योंकि अनाज महँगा है।” इस कथन की व्याख्या कीजिए।
या
लगान तथा कीमत के सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए।
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लगान तथा कीमतों में सम्बन्ध
लगान कीमत का निर्धारण नहीं करता, परन्तु स्वयं अधिशेष का निर्धारण भूमि की कीमत द्वारा होता है। इस विचार को रिकार्डो ने इन शब्दों में व्यक्त किया है-“अनाज इसलिए महँगा नहीं है, क्योंकि अधिशेष दिया जाता है; बल्कि अधिशेष इसलिए दिया जाता है, क्योंकि अनाज महँगा है।”
रिकार्डों के इस कथन की व्याख्या दो भागों में बाँटकर की जा सकती है
1. लगान मूल्य को प्रभावित नहीं करता या अधिशेष कीमत का निर्धारण नहीं करता – अधिशेष न तो कीमत में सम्मिलित होता है और न उसका निर्धारण ही करता है। रिकाडों के लगाने सिद्धान्त से यह तथ्य पूर्णतया स्पष्ट हो जाता है। रिकार्डों के अनुसार, अनाज की कीमत सीमान्त भूमि पर होने वाले उत्पादन व्यय द्वारा निश्चित होती है। चूंकि रिकार्डों के अधिशेष सिद्धान्त के अनुसार सीमान्त भूमि लगानहीन भूमि होती है। अतः अधिशेष (लगान) न तो सीमान्त भूमि की उत्पादन लागत का अंश ही होता है और न कीमत का निर्धारण ही करता है। इस प्रकार अनाज के मूल्य में जो सीमान्त भूमि के उत्पादन व्यय द्वारा निश्चित होता है, लगान सम्मिलित नहीं होता है। अत: यदि लगान कम कर दिया जाए अथवा भूमि को लगाने-मुक्त कर दिया जाए तो भी अनाज के मूल्य पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
2. मूल्य लगान को प्रभावित करता है या लगान का निर्धारण कीमत द्वारा होता है – अधिशेष कीमत का निर्धारण नहीं करता, परन्तु स्वयं अधिशेष का निर्धारण खेती की उपज की कीमत के अनुसार होता है। कृषि पदार्थों का मूल्य बढ़ जाने पर खेती की सीमा या क्षेत्र विस्तृत हो जाता है अर्थात् घटिया भूमि पर भी खेती की जाने लगती है। जैसे-जैसे घटिया भूमि का उपयोग खेती में किया जाता है वैसे-वैसे अच्छी भूमि का लगान बढ़ता जाता है। मूल्य बढ़ जाने से सीमान्त भूमि अधिसीमान्त हो जाती है, जिसके कारण लगानहीन भूमि पर भी लगान उत्पन्न हो जाता है। इसके अतिरिक्त जो भूमि पहले से ही अधिसीमान्त थी उस पर अधिशेष (लगान) की मात्रा बढ़ जाती है। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि कृषि वस्तुओं के मूल्यों में होने वाली वृद्धि भूमि के लगान को बढ़ाती है। इनका मूल्य गिरने पर लगान भी कम हो जाता है। इसलिए रिकार्डो का यह कथन सत्य है कि “अनाज का मूल्य इसलिए ऊँचा नहीं है कि लगान दिया जाता है, वरन् लगान इसलिए दिया जाता है, क्योंकि अनाज की कीमत ऊँची है।”