1.

‘दुरित, दुःख, दैन्य न थे जब ज्ञात, अपरिचित जरा-मरण-भ्रू पात।।’ पंक्ति के रचनाकार हैं?

A. सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
B. महादेवी वर्मा
C. सुमित्रानंदन पंत
D. जयशंकर प्रसाद
Answer» D. जयशंकर प्रसाद


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