एक कमरे की दीवारों का कुल क्षेत्रफल 137 मीटर`””^(2 )` है। कमरे के भीतर `20^(@)C`ताप बनाये रखने के लिए वैधुत हीटर प्रयुक्त किया जाता है जबकि बाहरी ताप -`10^(@)C` है। दीवारें तीन विभिन्न पदार्थो की परतो की बनी है। सबसे अन्दर की परत `2.5` सेमि मोटी लकड़ी की, बीच की परत `1.0` सेमि मोटी सीमेंट की तथा सबसे बाहरी परत `25.0` सेमी मोटी ईंटों की बनी है। विध्युत हीटर की पावर ज्ञात कीजिए। यह मान लो की फर्श तथा छत से ऊष्मा का ह्रास नहीं होता है। लकड़ी,सीमेंट व ईंटो के ऊष्मा-चालकता-गुणांक क्रमशः `0.125,` `1.5` तथा `1.0` वाट/(मीटर `^(@)C`) है।
दीवारों की तुल्य ऊष्मा-चालकता
`” “K =(l_1+l_2+l_3)/((l_1/(k_1))+(l_2)/(k_2)+(l_3)/K_3)`
`” ” =((0।025+0।01+0।25))/((0।025/(0।125)+(0।01)/(1।5)+(0।25)/(1।0)))`
`” ” =(0.285xx300)/(137)` वाट /(मीटर `-^(@)C`)
ऊष्मा-प्रवाह की दर
`” ” H=KA(theta_1-theta_2)/(l_1+l_2+l_3)`
` =((0.285xx300)/(137) (वाट)/( मीटर^(@)))xx137 (मीटर)^(2) xx(20^(@)C-(-10^(@)C))/(0.285(मीटर ))`
`=9000`वाट।
यही हीटर द्वारा उत्पन्न ऊष्मा की दर अर्थात हीटर की पावर है।