एक नगण्य भार वाले स्प्रिंग का एक सिरा दीवार से कसा हुआ है तथा दूसरे सिरे से एक गुठका जुड़ा हुआ है। गुटका एक क्षैतिज एवं चिकनी सतह पर रखा हुआ है। स्प्रिंग का बल नियतांक k है। किसी विस्थापन में स्प्रिंग द्वारा गुटके पर किया गया कार्य `1/3kx^2` है। ऐसा तब संभव है जब
A. प्रारंभ में स्प्रिंग x दूरी तक संपीडित (compressed) था तथा अंतिम स्थिति में इसने अपनी स्वाभाविक लंबाई प्राप्त कर ली है
B. स्प्रिंग की लंबाई प्रारंभ में x दूरी तक बढ़ी हुई थी तथा अंतिम स्थिति में इसने स्वाभाविक लंबाई प्राप्त कर ली है
C. प्रारंभ में इसकी लंबाई स्वाभाविक लंबाई के बराबर थी तथा अंतिम स्थिति में यह x दूरी से संपीडित स्थिति में है
D. प्रारंभ में इसकी लंबाई स्वाभाविक लेबाई के बराबर थी तथा अंत में यह x दूरी से बढ़ी हुई स्थिति में है
A. प्रारंभ में स्प्रिंग x दूरी तक संपीडित (compressed) था तथा अंतिम स्थिति में इसने अपनी स्वाभाविक लंबाई प्राप्त कर ली है
B. स्प्रिंग की लंबाई प्रारंभ में x दूरी तक बढ़ी हुई थी तथा अंतिम स्थिति में इसने स्वाभाविक लंबाई प्राप्त कर ली है
C. प्रारंभ में इसकी लंबाई स्वाभाविक लंबाई के बराबर थी तथा अंतिम स्थिति में यह x दूरी से संपीडित स्थिति में है
D. प्रारंभ में इसकी लंबाई स्वाभाविक लेबाई के बराबर थी तथा अंत में यह x दूरी से बढ़ी हुई स्थिति में है
Correct Answer – A::B