25 फेरों वाली एक वृतीय कुण्डली में, जिसकी त्रिज्या 6 सेमी है 10 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है इसे `1*2` टेसला के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में ऊर्ध्वाधर लटकाया गया है कुण्डली के तल में चुंबकीय बल रेखाएँ क्षैतिज गुजरती है । कुण्डली क्षेत्र के कारण कुंडली पर नेट बल ओर बल – आघूर्ण की गणना कीजिए ।
कुंडली को एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में लटकाया गया है अतः उस पर कार्य करने वाला नेट बल शून्य होगा |
सूत्र : `tau=nBIAsintheta`
दिया है : `n=25,B=1*2` टेसला, `I=10` ऐम्पियर,
`A=pir^(2)=pi(6xx10^(-2))^(2)=36xx10^(-4)pi,theta=90^(@)`.
सूत्र में मान रखने पर
`tau=25xx1*2xx10xx36xx10^(-4)pixxsin90^(@)`
`=25xx12xx36xx10^(-4)xx3*14xx1`
`=3*4` न्यूटन – मीटर |