समान द्रव्यमान की दो चुम्बक परस्पर लम्बवत जोड़ी गयी है प्रथम चुम्बक का आघूर्ण `M_1 ` दूसरी चुम्बक के आघूर्ण `M_2 `से 3 गुणा है| यह निकाय इस प्रकार किलकित किया गया है की यह क्षैतिज तल में घूमने के लिए स्वतंत्र है|संतुलन की अवस्था में प्रथम चुम्बक चुम्बकीय याम्योत्तर से कितना कोण बनाती है?

माना संतुलन की अवस्था में चुम्बकीय याम्योत्तर से `M_1 ` द्वारा बनाया गया कोण `theta ` है अतः `M_2 ` द्वारा बनाया गया कोण `(90^(@) -theta ) ` होगा| संतुलन की अवस्था में `M_1 ` व् `M_2 ` पर बल आघूर्ण का परिमाण बराबर होगा |अतः
` ” “M_1 B_H sin theta =M_2 B_H sin (90^(@) -theta ) `
` (sin theta )/(sin (90^(@) -theta ) ) =(M_2 )/(M_1 )=(1)/(3) ` (प्रश्नानुसार)
` ” “tan theta =(1)/(3) `
अथवा ` ” “theta =tan ^(-1) ((1)/(3))`