आपदा-प्रबन्धन का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा वर्तमान समय में इसके महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
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यह एक्ल सर्वविदित तथ्य है कि प्राकृतिक आपदाओं से जान-माल की व्यापक हानि होती है। तथा इनके दूरगामीप्रतिकूल प्रभाव भी होते हैं। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आज के वैज्ञानिक युग में आपदा-प्रबन्धन के अन्तर्गत विभिन्न आपदाओं के घटित होने की पूर्व जानकारी प्राप्त करने के अधिक-से-अधिक वैज्ञानिक उपाय किये जा रहे हैं। उदाहरण के लिए बाढ़, सूनामी, सूखा, चक्रवात आदि आने से पूर्व जार्नकारी प्राप्त की जाती है। इस जानकारी को ध्यान में रखते हुए सम्बन्धित क्षेत्र में पूर्व तैयारियाँ तथा बचाव के उपाय किये जाते हैं, उदाहरणस्वरूप बाढ़ की चेतावनी प्राप्त होते ही लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर जाते हैं। आपदा-प्रबन्धन के अन्तर्गत इस बात के भी सभी सम्भव उपाय किये जाते हैं। जिससे आपदा के कारण कम-से-कम के क्षति है। इसके अतिरिक्त आपदा के आने के उपरान्त किये जाने वाले बचाव-कार्य भी आपदा प्रबन्धन के ही अन्तर्गत आते हैं। उदाहरणस्वरूप बाढ़ के उपरान्त संक्रामक रोगों की रोकथाम के उपाय भी आपदा-प्रबन्धन के ही कार्य हैं।
आपदा-प्रबन्धन का मुख्य महत्त्व यह है कि उत्तम आपदा-प्रबन्धन से आपदा के प्रतिकूल प्रभावों को समाप्त या कम किया जा सकता है।