निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए।
प्रिया, घबराओ नहीं। इस मुद्रिका पर मेरे नाम के जितने अक्षर हैं उतने ही दिनों में मेरे कर्मचारी आकर तुम्हें अंतःपुर में पहुँचाएँगे। मुद्रिका देखते ही मैं भी तुम्हें पहचान सकूँगा। दुष्यंत चला गया और फिर उसने गर्भवती शकुन्तला की सुध नहीं ली। शकुन्तला प्रिय वियोग से व्याकुल होकर अपनी सुधबुध खो गयी। दुर्दैव से एक दिन क्रोधी दुर्वासा का आगमन हुआ और उन्हें आतिथ्य देने में शकुन्तला दत्तचित नहीं हो सकी। क्रोध में आकर दुर्वासा बोले – जिस प्रेमी के ध्यान में पड़कर तुम कर्तव्य भूल गयी हो, वह तुम्हें भूल जाएगा। शकुन्तला को इस कठोर वचन की भी सुध न रही। उस समय कण्व सोमतीर्थ गये हुए थे। उनको तो यह वृत्तान्त बिलकुल ज्ञात न था ।
प्रश्न :
1. प्रिय वियोग से व्याकुल होकर कौन अपनी सुधबुध खो गयी थी?
A) दुष्यंत
B) शकुंतला
C) रेणुका
D) जानकी
2. शकुंतला का प्रिय कौन है?
A) दुष्यंत
B) विश्वामित्र.
C) कण्व
D) वशिष्ठ
3. दुर्देव से एक दिन शकुंतला के पास किनका आगमन हुआ ?
A) विश्वामित्र
B) वशिष्ठ
C) दुर्वास
D) दुष्यंत
4. उस समय कण्व कहाँ गये थे?
A) तिरुपति
B) उज्जैयनी
C) भद्राचलम
D) सोमतीर्थ
5. यह वृत्तांत किन्हें बिलकुल ज्ञात न था?
A) दुर्वास
B) कण्व
C) दुष्यंत
D) वशिष्ठ
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